GERD और एसिडिटी से परेशान? जबलपुर में बेहतरीन गैस्ट्रो इलाज के विकल्प

आजकल एसिडिटी और जीईआरडी (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज) आम समस्याएं बन चुकी हैं, जिनसे कई लोग प्रभावित होते हैं। ये दोनों ही स्थितियाँ पेट में बनने वाले एसिड के कारण होती हैं, जो धीरे-धीरे पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं। यदि सही समय पर इलाज न कराया जाए, तो इनसे जटिल समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। जबलपुर के केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हम आधुनिक और प्रभावी इलाज प्रदान करते हैं, जहां अनुभवी डॉक्टरों की टीम और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग होता है।

GERD और एसिडिटी क्या होते हैं?

एसिडिटी तब होती है जब पेट में बनने वाला एसिड भोजन नली तक आ जाता है, जिससे जलन और असुविधा महसूस होती है। यह समस्या विशेषकर खाने के बाद अधिक होती है और धीरे-धीरे पाचन प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकती है।

जीईआरडी (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज) एसिडिटी की एक अधिक गंभीर अवस्था है, जिसमें पेट का एसिड लगातार भोजन नली में वापस आता है। इससे सीने में जलन, खट्टी डकारें, गले में जलन और सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यदि जीईआरडी का सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह भोजन नली में सूजन और अल्सर जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।

एसिडिटी और जीईआरडी के लक्षण

एसिडिटी और जीईआरडी के कुछ सामान्य लक्षण हैं:

  • सीने में जलन
  • खट्टी डकारें
  • गले में जलन या दर्द
  • पेट में भारीपन
  • सांस लेने में कठिनाई (जीईआरडी में अधिक सामान्य)
  • लगातार कफ या गले में खराश

ये लक्षण दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं और अक्सर खाने-पीने के बाद अधिक महसूस होते हैं।

एसिडिटी और जीईआरडी के कारण और जोखिम कारक

एसिडिटी और जीईआरडी कई कारणों से हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • तैलीय और मसालेदार भोजन का अधिक सेवन
  • धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन
  • अत्यधिक वजन या मोटापा
  • भोजन के तुरंत बाद सो जाना
  • अत्यधिक तनाव और चिंता

इन आदतों से एसिड का उत्पादन बढ़ता है, जो एसिडिटी और जीईआरडी को जन्म देता है।

एसिडिटी और जीईआरडी का निदान

एसिडिटी और जीईआरडी के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर एक शारीरिक परीक्षण और मेडिकल इतिहास लेते हैं। इसके बाद कुछ खास टेस्ट किए जा सकते हैं:

  • एंडोस्कोपी – इस प्रक्रिया में एक कैमरे वाली ट्यूब के माध्यम से भोजन नली और पेट का निरीक्षण किया जाता है।
  • पीएच टेस्टिंग – इससे एसिड का स्तर मापा जाता है ताकि एसिडिटी की गंभीरता का पता चल सके।
  • एक्स-रे – भोजन नली और पेट के किसी भी असामान्य परिवर्तन को देखने के लिए एक्स-रे किया जाता है।

एसिडिटी और जीईआरडी का इलाज

केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जबलपुर में एसिडिटी और जीईआरडी के इलाज के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। इनमे से कुछ सामान्य उपचार हैं:

  1. आहार और जीवनशैली में बदलाव – तैलीय, मसालेदार भोजन से परहेज, भोजन के तुरंत बाद सोने से बचना, और छोटे-छोटे भोजन करना, इन समस्याओं को कम कर सकता है।
  2. औषधीय उपचार – डॉक्टर कुछ दवाइयाँ जैसे एंटासिड्स, एच2-ब्लॉकर्स, और प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स का सुझाव देते हैं। ये दवाइयाँ पेट में बनने वाले एसिड की मात्रा को नियंत्रित करती हैं।
  3. लैप्रोस्कोपिक सर्जरी – जीईआरडी की गंभीर स्थिति में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी एक प्रभावी उपाय हो सकता है। डॉ. दिगंत पाठक, जो 20 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ जबलपुर के जाने-माने सर्जन हैं, ने इस तकनीक से कई मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। इस विधि में छोटे चीरे से सर्जरी की जाती है जिससे रिकवरी तेज होती है और दर्द कम होता है।

विशेषज्ञ की सलाह

डॉ. दिगंत पाठक, जो कि जबलपुर के केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कार्यरत हैं, एसिडिटी और जीईआरडी से परेशान मरीजों को सलाह देते हैं कि वे इस समस्या को नजरअंदाज न करें। सही समय पर किया गया इलाज न केवल आपकी तकलीफ को दूर कर सकता है बल्कि गंभीर जटिलताओं से भी बचा सकता है। डॉ. पाठक के अनुसार, जीवनशैली में छोटे बदलाव और, यदि आवश्यक हो, सर्जरी, इन स्थितियों से राहत पाने में बेहद सहायक हो सकते हैं।

मरीज की सफलता की कहानी

एक मरीज जिन्हें लंबे समय से जीईआरडी की समस्या थी और जिनके जीवन की गुणवत्ता इससे बहुत प्रभावित हो रही थी, ने केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉ. पाठक की देखरेख में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी करवाई। इस सर्जरी के बाद उनकी तकलीफ में बहुत राहत मिली और वे जल्दी ही अपनी दैनिक गतिविधियों में वापस लौट आए।

निष्कर्ष

एसिडिटी और जीईआरडी की समस्या आजकल बेहद सामान्य है, लेकिन इसे सही समय पर इलाज से पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। जबलपुर में केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में, डॉ. दिगंत पाठक जैसे विशेषज्ञ के साथ, आधुनिक तकनीक और अनुभव का लाभ उठाते हुए, इन समस्याओं का प्रभावी और स्थायी इलाज संभव है।