पित्ताशय की पथरी एक आम समस्या है जो पाचन तंत्र को प्रभावित करती है और समय के साथ कई जटिलताएं पैदा कर सकती है। यदि समय पर इसका उचित इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है। इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि पित्ताशय की पथरी क्या होती है, इसके लक्षण और कारण क्या हैं, और इसका स्थायी इलाज सर्जरी के माध्यम से कैसे किया जा सकता है। केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जबलपुर के अनुभवी विशेषज्ञ डॉ. दिगंत पाठक, जिनके पास 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है और जिन्होंने 12,000 से भी अधिक मरीजों का सफल इलाज किया है, इस समस्या का आधुनिक और सटीक समाधान प्रदान करते हैं।
पित्ताशय की पथरी क्या होती है?
पित्ताशय की पथरी या गॉलब्लैडर स्टोन छोटी-छोटी ठोस गठानें होती हैं जो पित्ताशय में पित्त के जमने से बनती हैं। यह पथरी कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम और बिलीरुबिन जैसी चीजों से बनती है और पित्ताशय के पित्त प्रवाह में रुकावट पैदा करती है। इससे पाचन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होती है और गंभीर मामलों में संक्रमण भी हो सकता है।
पित्ताशय की पथरी के लक्षण
पित्ताशय की पथरी के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द
- दर्द जो भोजन के बाद बढ़ता है, खासकर तैलीय और मसालेदार भोजन के बाद
- मतली और उल्टी
- बुखार और पसीना (संक्रमण होने पर)
- पीलिया या आंखों और त्वचा का पीला पड़ना
ये लक्षण सामान्य दिनचर्या को प्रभावित कर सकते हैं और अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह और अधिक गंभीर रूप ले सकता है।

पित्ताशय की पथरी के कारण और जोखिम कारक
पित्ताशय की पथरी कई कारणों से हो सकती है, जिनमें प्रमुख कारण शामिल हैं:
- उच्च कोलेस्ट्रॉल युक्त आहार
- मोटापा और अत्यधिक वजन
- आनुवांशिकता
- मधुमेह और अन्य मेटाबॉलिक रोग
- अत्यधिक दवाईयों का सेवन
ये सभी कारक पित्ताशय में पथरी बनने की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं, खासकर यदि आहार और जीवनशैली का सही ख्याल न रखा जाए।
पित्ताशय की पथरी का निदान
पित्ताशय की पथरी का निदान आमतौर पर अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और ईआरसीपी (एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलांजिओ-पैंक्रिएटोग्राफी) जैसी तकनीकों से किया जाता है। इन तकनीकों से डॉक्टर पित्ताशय की स्थिति का सही पता लगा सकते हैं और इलाज की योजना बना सकते हैं।
पित्ताशय की पथरी का इलाज
पित्ताशय की पथरी का स्थायी और प्रभावी इलाज सर्जरी के माध्यम से किया जा सकता है। केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जबलपुर में, पित्ताशय की पथरी के इलाज के लिए दो प्रकार की सर्जरी की जाती है:
- लैप्रोस्कोपिक सर्जरी – यह एक कम आक्रामक विधि है जिसमें छोटे चीरे लगाए जाते हैं। इस सर्जरी के बाद रिकवरी तेजी से होती है और मरीज जल्दी ही अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस लौट सकते हैं। डॉ. दिगंत पाठक, जो कि जबलपुर में उच्च स्तरीय लैप्रोस्कोपिक सर्जरी करने वाले एकमात्र विशेषज्ञ हैं, ने इस विधि से कई मरीजों को राहत दी है।
- ओपन सर्जरी – कुछ जटिल मामलों में ओपन सर्जरी का विकल्प भी दिया जा सकता है। इसमें पेट के ऊपरी हिस्से में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। ओपन सर्जरी अधिक जटिल मामलों में प्रभावी होती है, लेकिन इसमें रिकवरी समय थोड़ा अधिक हो सकता है।

विशेषज्ञ की सलाह
डॉ. दिगंत पाठक के अनुसार, पित्ताशय की पथरी की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पथरी का समय पर इलाज न कराने से संक्रमण, पित्ताशय में सूजन, और गंभीर मामलों में पित्ताशय फटने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। उन्होंने अपनी अनुभव और विशेषज्ञता से कई मरीजों को इस समस्या से स्थायी राहत दिलाई है। उनका मानना है कि पित्ताशय की पथरी के लिए सर्जरी ही एकमात्र स्थायी समाधान है।
मरीज की सफलता की कहानी
एक मरीज जिन्हें लंबे समय से पित्ताशय की पथरी की समस्या थी, जिनका खाना-पीना और जीवन की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हो रही थी, ने केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉ. पाठक की देखरेख में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी करवाई। इस सर्जरी के बाद उनकी तकलीफ में बहुत राहत मिली और वे जल्दी ही अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस लौट आए।
निष्कर्ष
पित्ताशय की पथरी एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या हो सकती है, यदि इसका सही समय पर इलाज न किया जाए। सर्जरी ही इसका एकमात्र स्थायी समाधान है। केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जबलपुर में, डॉ. दिगंत पाठक जैसे अनुभवी विशेषज्ञों के साथ, मरीज को अत्याधुनिक तकनीकों और देखभाल का लाभ मिलता है।




