हर्निया एक गंभीर स्थिति है जो समय के साथ अधिक समस्याएं पैदा कर सकती है, अगर इसका उचित इलाज न किया जाए। सही जानकारी और अनुभवी डॉक्टर की मदद से इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। जबलपुर के केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हमारे विशेषज्ञ डॉक्टर, डॉ. दिगंत पाठक, जिन्होंने 20 से अधिक वर्षों में 12,000 से भी अधिक मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है, इस क्षेत्र के एकमात्र ऐसे सर्जन हैं जो उच्च स्तरीय लैप्रोस्कोपिक और ओपन सर्जरी दोनों विधियों में निपुण हैं।
हर्निया क्या होता है?
हर्निया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के अंदरूनी अंग जैसे कि आंतें, अपनी सामान्य जगह से बाहर निकलने लगते हैं और त्वचा के नीचे एक उभार बनाते हैं। यह अधिकतर पेट के निचले हिस्से में होता है, परन्तु अन्य स्थानों जैसे कि जांघ, नाभि और ऊपरी पेट में भी हो सकता है। हर्निया के प्रमुख प्रकारों में शामिल हैं:
- इंग्वाइनल हर्निया – जो पेट के निचले हिस्से में होता है और अक्सर पुरुषों में देखा जाता है।
- उम्बिलिकल हर्निया – यह नाभि के पास होता है और अधिकतर छोटे बच्चों में देखा जाता है।
- फेमोरल हर्निया – जांघ के पास होता है और महिलाओं में अधिक सामान्य है।
- हायटस हर्निया – जिसमें पेट का ऊपरी हिस्सा डायफ्राम के माध्यम से सीने की तरफ निकलता है।

हर्निया के लक्षण
हर्निया के कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- पेट, जांघ, या नाभि के पास सूजन या उभार का बनना
- खांसने, वजन उठाने, या किसी प्रकार के दबाव के दौरान दर्द का बढ़ना
- आंतरिक दबाव या जलन का अनुभव
- प्रभावित क्षेत्र में भारीपन और असहजता
- कुछ मामलों में, पाचन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं
ये लक्षण सामान्य दिनचर्या को प्रभावित कर सकते हैं और यदि समय पर इलाज न मिले तो यह स्थिति और जटिल हो सकती है।
हर्निया के कारण और जोखिम कारक
हर्निया कई कारणों से हो सकता है, जिनमें से कुछ सामान्य कारण हैं:
- भारी वजन उठाना या लगातार शारीरिक कार्य करना
- मोटापा और अत्यधिक वजन
- गर्भावस्था के दौरान पेट पर दबाव बढ़ना
- पुरानी खांसी या पेशाब में कठिनाई
- जन्मजात कमजोर मांसपेशियाँ
यह समस्या उम्र के साथ अधिक सामान्य हो सकती है, खासकर पुरुषों और गर्भवती महिलाओं में।

हर्निया का निदान और संभावित जटिलताएं
हर्निया का निदान शारीरिक परीक्षण और अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन जैसी इमेजिंग तकनीकों से किया जा सकता है। समय पर इलाज न कराने से हर्निया जटिल रूप ले सकता है। इसके कुछ जटिलताओं में शामिल हैं:
- स्ट्रैंग्युलेशन – इसमें रक्त प्रवाह रुक जाता है, जिससे प्रभावित अंगों में संक्रमण या गैंग्रीन होने का खतरा बढ़ता है।
- इंटेस्टाइनल ऑब्स्ट्रक्शन – इसमें आंतों में रुकावट उत्पन्न होती है, जो गंभीर दर्द और उल्टी का कारण बन सकती है।
हर्निया का इलाज
अधिकांश मामलों में, हर्निया का स्थायी समाधान सर्जरी ही होता है। हर्निया के लिए सर्जरी के विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं:
- लैप्रोस्कोपिक सर्जरी – यह एक कम आक्रामक विधि है जिसमें छोटे चीरे से सर्जरी की जाती है। इसमें रिकवरी तेजी से होती है और मरीज जल्द ही अपने दैनिक कार्यों में लौट सकते हैं।
- ओपन सर्जरी – इसमें हर्निया की जगह पर एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। यह विधि अधिक जटिल हर्निया के लिए उपयुक्त होती है।
डॉ. दिगंत पाठक के अनुसार, सर्जरी ही हर्निया का एकमात्र स्थायी समाधान है। उन्होंने अपनी सर्जरी की आधुनिक तकनीकों और विशेषज्ञता से कई मरीजों को इस समस्या से स्थायी राहत प्रदान की है।
विशेषज्ञ की सलाह
डॉ. दिगंत पाठक, जो केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जबलपुर में हर्निया के विशेषज्ञ हैं, का मानना है कि हर्निया के लिए समय पर सर्जरी आवश्यक है ताकि मरीज की जीवनशैली बेहतर हो सके और किसी भी प्रकार की जटिलता से बचा जा सके।
डॉ. पाठक का अनुभव, अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्थानों से जुड़ाव, और उनकी उन्नत सर्जिकल तकनीकें जबलपुर में हर्निया के इलाज के लिए बेहतरीन विकल्प बनाती हैं।
मरीज की सफलता की कहानी
एक मरीज, जिन्हें लगातार पेट में भारीपन और सूजन की शिकायत थी, ने कई उपचार अपनाए लेकिन उन्हें स्थायी राहत नहीं मिली। डॉ. पाठक ने उनका लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से सफल इलाज किया, जिसके बाद मरीज जल्दी ही स्वस्थ हो गए और अपनी दिनचर्या में वापस लौट आए।
निष्कर्ष
हर्निया एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या हो सकती है, यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए। इसके लिए सर्जरी ही एकमात्र स्थायी समाधान है। जबलपुर के केयर मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल में डॉ. दिगंत पाठक जैसे विशेषज्ञ के साथ, मरीज उच्च-स्तरीय देखभाल और आधुनिक सर्जिकल तकनीक का लाभ उठा सकते हैं।




